Hindi हिंदी क्षितिज-2

प्रश्न 4- 4 :
(क): मिला कहाँ वह सुख जिसका मैं स्वप्न देखकर जाग गया।
आलिंगन में आते-आते मुसक्या कर जो भाग गया।
(ख): जिसके अरुण कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में।
अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में।

उत्तर 4-4
(क): कवि कहना चाहता है कि जिस प्रेम के कवि सपने देख रहे थे वो उन्हें कभी प्राप्त नहीं हुआ। उनका जीवन हमेशा उस सुख से वंचित ही रहा। सुख उसके बेहद करीब आते-आते उससे दूर चला गया।
(ख): इन पंक्तियों में कवि ने अपनी प्रेयसी के सौंदर्य का वर्णन किया है। वे कहते हैं कि उनके प्रेयसी के गालों की लालिमा इतनी अधिक है की उषा की लालिमा भी उसके सामने फीकी हैं।


प्रश्न 4-5: 'उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की' - कथन के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?

उत्तर 4-5: अपने प्रेयसी के साथ बिताये निजी प्रेम के मधुर और सुख भरे क्षणों को कवि किसी के सामने प्रकट करना नहीं चाहते। चाँदनी रातों में बिताए गए वे सुखदायक क्षण किसी उज्ज्वल गाथा की तरह हैं। इन स्मृतियों को वह औरों को बताकर अपना मज़ाक नहीं उड़ाना चाहते हैं। उन स्मृतियों को वह निजी सम्पत्ति की तरह अपने तक रखना चाहते हैं।


प्रश्न 4-6: 'आत्मकथ्य' कविता की काव्यभाषा की विशेषताएँ उदाहरण सहित लिखिए।

उत्तर 4-6: 'जयशंकर प्रसाद' द्वारा रचित कविता 'आत्मकथ्य' की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं -
• कवि ने खड़ी बोली में कोमल शब्दों का प्रयोग किया है।
जिसके अरुण-कपोलों की मतवाली सुन्दर छाया में।
• मानवीकरण शैली जो छायावाद की प्रमुख विशेषता है, का प्रयोग किया गया है।
अरी सरलते तेरी हंसी उड़ाउँ मैं।
• तत्सम शब्दों का प्रयोग प्रमुखता से किया गया है।
इस गंभीर अनंत-नीलिमा में अंसख्य जीवन-इतिहास
• गीत में गेय और छंदबद्ध है।
उसकी स्मृति पाथेय बनी है थके पथिक की पंथा की।