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प्रश्न 2-1 : मियाँ नसीरूद्दीन को नानबाइयों का मसीहा क्यों कहा जाता है?

उत्तर- 2-1 : मियाँ नसीरूद्दीन छप्पन प्रकार की रोटियाँ बनाने के लिए मशहूर हैं| यह उनका खानदानी पेशा है| यह कला उन्होंने अपने पिता से सीखी थी| उनकी रोटियाँ तुनकी पापड़ से भी ज्यादा महीन होती हैं| इसलिए उन्हें नानबाइयों का मसीहा कहा जाता है|

प्रश्न 2-2: लेखिका मियाँ नसीरूद्दीन के पास क्यों गई थी?

उत्तर 2-2: लेखिका मियाँ नसीरूद्दीन के पास उनके हुनर को जानने के लिए गई थीं| उन्होंने मियाँ के बारे में बहुत कुछ सुना था| एक पत्रकार होने के नाते वह उनकी कला के बारे में जानकारी प्राप्त कर उन्हें प्रकाशित करना चाहती थीं|


प्रश्न 2-3: बादशाह के नाम का प्रसंग आते ही लेखिका की बातों में मियाँ नसीरूद्दीन की दिलचस्पी क्यों कम होने लगी?

उत्तर 2-3: बादशाह के नाम का प्रसंग आते ही लेखिका की बातों में मियाँ नसीरूद्दीन की दिलचस्पी क्यों कम होने लगी क्योंकि मियाँ ने सारी बातें बुजुर्गों के मुँह से सुनी थी| सच्चाई ये थी कि उन्होंने कभी किसी बादशाह के यहाँ काम किया ही नहीं था| तभी तो वो लेखिका के पूछने पर बता नहीं सके कि उन्होंने बादशाह के यहाँ कौन-सी पकवान बनाई थी|


प्रश्न 2-4: मियाँ नसीरूद्दीन के चेहरे पर किसी दबे हुए अंघड़ के आसार देखकर यह मजूमन न छेड़ने का फैसला किया- इसके पहले और बाद के प्रसंग का उल्लेख करते हुए इसे स्पष्ट कीजिए|

उत्तर 2-4: लेखिका मियाँ नसीरूद्दीन के खानदान और उनसे संबंधित सभी जानकारी प्राप्त करना चाहती थी| लेकिन मियाँ लेखिका के सवालों से ऊब चुके थे| उन्हें लगता था कि पत्रकार लोग निठल्ले होते हैं| बादशाह वाले प्रसंग में लेखिका के यह पूछने पर कि उन्होंने बादशाह को कौन सी पकवान बना कर खिलाई थी, मियाँ ने बातचीत को टाल दिया| उनकी आवाज में रूखाई आ गई| लेखिका के जब यह पुछा कि कौन से बादशाह के यहाँ काम करते थे, तो मियाँ खीज उठे| उन्होंने अपने कारीगर को आवाज लगाई और बोले- “अरे ओ बब्बन मियाँ, भट्ठी सुलगा लो तो काम से निबटें|” लेखिका उनके बेटे-बेटियों के बारे में पूछना चाहती थीं लेकिन मियाँ के चेहरे में आये भाव से उन्हें समझ में आ गया कि अगर वो इससे ज्यादा कुछ और पूछेंगी तो शायद वो उन्हें जाने के लिए कह देंगे| इसीलिए उन्होंने इस मजूमन को न छेड़ना ही उचित समझा|