हिंदी बसंत भाग 3

प्रश्न 1 : आपने मेले-बाजार आदि में हाथ से बनी चीजों को बिकते देखा होगा। आपके मन में किसी चीज को बनाने की कला सीखने की इच्छा हुई हो और आपने कोई कारीगरी सीखने का प्रयास किया हो तो उसके विषय में लिखिए।

उत्तर : पिछले वर्ष मैं अपने सहपाठियों के साथ सूरजकुंड के मेले मे गया। वहाँ मैंने धागे व ऊन से निर्मित सुंदर-सुंदर छाते देखे। उन्हें देखकर ऐसा लगा कि ये बनने में बहुत ही आसान हैं। उन छातों को बेचने वाली स्त्रियाँ वहीं बैठकर और छाते भी बना रही थीं। घर आकर मैंने भी खूब ऊन व धागे एकत्रित किए। बडे-बड़े तिनकों का भी प्रबंध कर लिया। लेकिन जब बनाने का प्रयास किया तो पूरी तरह सफलता न मिली और माँ की यही बात सुननी पड़ी कि ‘जिसका काम उसी को साजे।’

प्रश्न 2 : लाख की वस्तुओं का निर्माण भारत के किन-किन राज्यों में होता है? लाख से चूड़ियों के अतिरिक्त क्या-क्या चीजें बनती हैं? ज्ञात कीजिए।

उत्तर : लाख की वस्तुओं का सबसे अधिक निर्माण राजस्थान में होता है। इसके अलावा मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश व गुजरात में भी लाख पाई जाती है। इसलिए वहाँ भी लाख का सामान बनाया जाता है।लाख से चूड़ियों के अतिरिक्त कई प्रकार के अभूषण, खिलौने व सजाने का सामान बनाया जाता है। डाकघर व अन्य स्थानों पर सामान पैक करके सीलबंद करने हेतु भी लाख का प्रयोग किया जाता है।


पेज न. 11 प्रश्न 1: घर में मेहमान के आने पर आप उसका अतिथि-सत्कार कैसे करेंगे?

उत्तर : घर में किसी के आने पर सबसे पहले हम प्रेमपूर्वक उसका स्वागत करेंगे। आदर से उन्हें बैठने के लिए कहेंगे। फिर सादरपूर्वक उनका हाल-चाल पूछकर जलपान करवाएँगे।यह भी मेहमान के आने पर निर्भर करता है कि वह किस समय आता है। यदि सुबह का समय होगा तो चाय-नाश्ता करवाएँगे, दोपहर के समय उसे प्रीतिभोज व रात्रि मैं मेहमान आए तो रात्रिभोज करवाना हमारा कर्तव्य बनता है।